आज हम बात कर रहे हैं आइंस्टीन के सापेक्ष सिद्धान्त को चुनौती देने वाले व्यक्ति की ।
नाम वशिष्ठ नारायण सिंह जन्म 2 अप्रैल 1942 को बिहार के भोजपुर के बसंतपुर ग्राम में हुआ था प्रारंभिक जीवन में असाधारण उपलब्धियों का पुराना नाता था उन्होंने नासा में काम किए तथा उनका देश प्रेम जागा वह भारत की तरफ लौट आए उन्होंने आईआईटी कानपुर मैं नौकरी कीये उन्होंने अपने देश और देशवासियो की तरक्की के लिए अमेरिका से भारत लौटे पर उन्हे क्या पता था की अपने ही देश में ही उन्हें उपेक्षा हाथ लगेगी ।
कब कहां खो गए किसी को कोई खबर नहीं था
उस समय देश में मंडल-कमंडल का दौर था ।
हम लोग अपने हको को लेने में इतने मशगूल थे कि उनकी तरफ ध्यान ही नहीं गया। जो व्यक्ति अमेरिका छोड़ कर भारत आया उसे हमने ऐसे ही खो दिए कुछ दिन पहले हम लोगों ने उन्हें कूड़े के ढेर पर पाया सोशल मीडिया के मजबूत प्लेटफार्म में हम इतने मशगूल थे ।
कि उनके मर जाने के बाद भी उनको गंतव्य स्थल तक छोड़ने के लिए एक एंबुलेंस नहीं उपलब्ध करा पाए ।
Dukhad
ReplyDeleteNic
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